समुन्दर……Samundar

समुन्दर……Samundar

सागर कोहो या……फिर समुन्दर

है तो ये दरिया के कई नाम

दिल दरिया ही तो है

कितनो की ग़म और कितनो की खुशी

क्या पता क्या क्या समेटे हो तुम

किश किश की

दिल की अरमानो को कहाँ कहाँ छुपाए हो

सागर कोहो या फिर समुन्दर

हर गम को गले लगाए है तुम

हर किसी की दर्द को समेटे है

तुम सागर ही हो और समुन्दर भी

#CreativeSiba

5 Comments Add yours

  1. Ajay kumar says:

    Bahut khoob..

  2. Anonymous says:

    क्या अंतर है सागर और समंदर में
    जो दो मनुष्य के दिलों में है

    1. PhotoBySiba says:

      वाह वाह….क्या ख़ूब कहा आपने

  3. Indira says:

    beautiful.

    1. PhotoBySiba says:

      Thank you 🙏 Indira

Leave a Reply