
समुन्दर……Samundar
सागर कोहो या……फिर समुन्दर
है तो ये दरिया के कई नाम
दिल दरिया ही तो है
कितनो की ग़म और कितनो की खुशी
क्या पता क्या क्या समेटे हो तुम
किश किश की
दिल की अरमानो को कहाँ कहाँ छुपाए हो
सागर कोहो या फिर समुन्दर
हर गम को गले लगाए है तुम
हर किसी की दर्द को समेटे है
तुम सागर ही हो और समुन्दर भी
#CreativeSiba
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Published by Siba_Photography
It's a Signature of My Creativity.....
Emotions embedded with words and soaked with my Photography hope will definitely create an Life long Impression on You.
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Bahut khoob..
क्या अंतर है सागर और समंदर में
जो दो मनुष्य के दिलों में है
वाह वाह….क्या ख़ूब कहा आपने
beautiful.
Thank you 🙏 Indira